Sunday 28 November 2010

बातें !!

तुम  क्या हो? मासूम, नटखट, बचपन की  छाया , या चतुर, चालाक  , जीवन की निर्वाहिका !  तुममें हंसी रुकी भी नहीं छुपी भी नहीं| आँखों में शरारत है, कि मासूमियत  ? कुछ होने या न होने के दायरे में तुम कहीं बसी हुई हो, ठहरी हुई तो नहीं, पर दूर भी नहीं|

पर  तुम पागलपन की  सीमा हो,  यूँ जैसे  कि पागलपन  तुम्हें छु गया हो , और तुम उससे कहीं दूर परे रहती हो|  कोई भी सीमा , किसी और दायरे की  शुरुआत है,  पर  तुम किसी दायरे में कहाँ ? तुम  तो बस घूम रही हो, कभी  इस शिखर पे, कभी  उस धरातल में| ये  तुम्हारी चपलुता ही है, जो श्रृष्टि  को तुमसे बाँधी है, या शायद तुम्हें श्रृष्टि  से| पर  दोनों के पास सवाल नहीं , क्यूंकि सवाल के दायरे ही तो तुम्हारी ख़ुशी की  शुरुआत हैं, शायाद हमारी ख़ुशी के भी| 
 ......
  मत  समझो ,
  बस  सुनो ,
  एहसास  करो,
  इन  बातों  का|
  बातों   का  कोई  मतलब  नहीं,
मतलब  तो बस  हमारी  सोच  का  है | 
  जब  बातें  सोच  के  परे  हों 
  तो  बस  बातें  हैं |
  न  सही,  न गलत 
  बस  बातें|  भोली  मासूम बातें, शरारती नटखट  बातें| हाँ,  तुम और तुम्हारी बातें एक ही हैं| तुम्हारी चपलुता , और बातों की  राहें एक ही हैं|फर्क तो बस मन का है,  जो कभी जस देखता है  तो कभी तस|  बातें , जो कहीं भी शुरू हो जाती हैं, और कहीं भी थम जाती हैं|किसी भी गली में मुड़ जाती हैं , और हम तुम उन उच्च्श्रीन्ख्ल नदियों में , बहते रहते हैं|
  
रास्ते में ,किनारे पर बैठे यादों के मुंडेर पे कोई दिखता है ,पहचाना सा, पर एक झलक में  विलुप्त हो जाता है | और रह जाते हैं बस हम|
उन्ही बातों के साथ| दायें - बायें,इधर -  उधर,अनभिज्ञ  दिशाओं में|  पर  चलते- चलते,भागते - भागते,कदम  एक मुकाम पे आके स्थूल हो जाते हैं,मानो  इसके आगे  की दिशा उनकी सोच से परे हो|  और  तब -तब  हम सोचते हैं कि,बातें, बातें ,कहाँ  गई बातें ? और  कहाँ आ गए हम और तुम, मानो एक सदी का सफर तय किया हो|  और  तब, खामोशी, एक गहरी खामोशी, उन सारी बातों का एक दायरा बन के रुक गयी|  जब मैंने उठके देखा , तो बातें तो थी नहीं ,पर  तुम भी नहीं थी,सिर्फ  उन बातों  का जूठन मेरे होठों  पे अब  भी बैठा था, या शायद वो तुम्हारा था|     

1 comment:

Abhilasha said...

WOW sid!! i am taken aback.. because of two obvious reasons.. i didnt know you had a writer in you, second it was so amazing. Very deep thoughts put in words perfecrtly with an amazing flow.
Look forward to more stuffs like this!!